नेटवर्क माॅडलः डेटाबेस मेनेजमेंट सिस्टम में डेटा का व्यवस्थित करने के लिये बहुत से माॅडल का उपयोग किया जाता है उन्ही माॅडलस में से एक नेटवर्क माडल है। इस माडल में इंटिटि को रिकार्डस कहा जाता है । तथा डेटा को इन्ही रिकार्डस् के माध्यम से डेटा संग्रहित एवं सुनियोजित किया जाता है। रिकार्ड की सबसे छोटी ईकाई फील्ड कहलाती है। इन्ही फील्ड से मिलकर रिकार्ड बनता है। दो या अधिक रिकार्डस के लिंक के माध्यम संबंध दर्षाया जाता है। इस प्रकार फील्ड, रिकार्ड, लिंक से मिलकर नेटवर्क माॅडल तैयार किया जाता है। जिस प्रकार ईआर माडल के प्रयोग से रिलेषन को प्रदर्षित किया जाता है उसी प्रकार डिेटा स्ट्रक्चर डायग्राम का प्रयोग नेटवर्क माडल किया जाता है।
फील्डः यह नेटवर्क माॅडल में सबसे छोटी इकाई है । यह केवल एक ही प्रकार की डेटा वेल्यू को स्टोर कर सकती है। इसे माडल में रेक्टेंगल के द्वारा प्रदर्षित किया जाता है। रिलेसन माडल में फील्ड की तुलना एट्रीव्यूट से की जा सकती है।
रिकार्डः फील्ड से मिलकर रिकार्ड का निर्माण होता है। किसी रिकार्ड निम्नतक एक और अधिकतम कितनी भी फील्ड हो सकती है।
लिंकः दो या दो अधिक रिकार्ड के मध्य संबंध स्थापित करने के लिये लिंक का प्रयोग किया जाता है।रेखा (लाईन) का प्रयोग लिंक को दर्षाने के लिये किया जाता है।
निम्न चित्र द्वारा इन तीनों फील्ड को प्रदर्षित किया जा रहा है।
उदाहरणः नेटवर्क माॅडल को हम उदाहरण के माध्यम से समझते है। इसमें हम बैंक में होने वाली प्रक्रिया का अध्ययन करेंगें। किसी भी बैंक कस्टोमर एवं उसके द्वारा किये गये धन के लेन देन की जानकारी को व्यवस्थित करते है। हमारें इस उदाहरण में कस्टोमर की जानकारी दो रिकार्ड में व्यवस्थित की गई है। अब रिकार्डस को नेटवर्क माडल के अनुसार व्यवस्थिित करेंगें।
पहला रिकार्ड हम कस्टोमर के नाम से एवं दूसरा रिकार्ड बेलेंस नाम से बना रहें । कस्टोमर में पते की जानकारी एवं बेलेंस में एकाउंट की जानकारी को रखा गया है। इसका डेटा स्ट्रक्चर चित्र निम्न ;डायगा्रमद्ध द्वारा प्रदर्षित करेगें।
पहला रिकार्ड हम कस्टोमर के नाम से एवं दूसरा रिकार्ड बेलेंस नाम से बना रहें । कस्टोमर में पते की जानकारी एवं बेलेंस में एकाउंट की जानकारी को रखा गया है। इसका डेटा स्ट्रक्चर चित्र निम्न ;डायगा्रमद्ध द्वारा प्रदर्षित करेगें।
प्रोमिंग में नेटवर्क उपरोक्त नेटवर्क डेटा स्ट्रक्चर डायगा्रम को निम्न प्रकार से परिभाषित(डेक्लेयर) किया जाता है। यहां पर कस्टोमर एवं एकाउंट दो प्रकार के रिकार्ड को परिभाषित(डेक्लेयर) किया गया है। कस्टोमर में तीन जबकि एकाउंट में दो फील्ड हैं। यहां पर हम यह भी परिभाषित करतें है कि प्रत्येक फील्ड किस प्रकार की मान (वेल्यू) को स्टोर करेगी ।
उपरोक्त रिकार्ड को निम्न प्रकार से प्रदर्षित किया जाता है। इस रिकार्ड में
account_number and
balance फील्ड है।
फीचर्स आॅफ नेटवर्क माडल
1. इसमें पेंरेन्ट एवं चाईल्ड रिलेषनषिप नही होती है। अर्थात् कौन सा पेरेन्ट है एवं कौन से चाईल्ड यह नही पहचाना नही जा सकता है।
2. कोई भी रिकार्डस कितने अन्य रिकार्डस के साथ ऐसोसिऐट किया जा सकता है। यह मेनी-टू-मेनी रिलेषनषिप को फोलो कर रहा है।
1. इसमें पेंरेन्ट एवं चाईल्ड रिलेषनषिप नही होती है। अर्थात् कौन सा पेरेन्ट है एवं कौन से चाईल्ड यह नही पहचाना नही जा सकता है।
2. कोई भी रिकार्डस कितने अन्य रिकार्डस के साथ ऐसोसिऐट किया जा सकता है। यह मेनी-टू-मेनी रिलेषनषिप को फोलो कर रहा है।
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